ज़िंदगी के रंग -95

well said

The REKHA SAHAY Corner!

सोंच- संभाल कर

बोली के जादू को काम में लाओ .

बातों के रंग

निराले होते हैं.

ना जाने कब , कैसे

किसी की बातें

दिल में उतर कर मन मोह लेतीं हैं.

किसी की , तीर बन दिल को चीर जातीं हैं,

नश्तर बन मन को छलनी कर देतीं हैं.

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